और कोई सामान अशुभ नहीं होता तो सुराही क्यूँ और कोई सामान अशुभ नहीं होता तो सुराही क्यूँ
मुझे उन तीनों का सयुंक्त ठहाका पुनः सुनाई दिया था। फिर शांति छा गई थी। मुझे उन तीनों का सयुंक्त ठहाका पुनः सुनाई दिया था। फिर शांति छा गई थी।
उधर रमा अंधविश्वास में गुम होकर मंदिर के दरवाजे पर भिखारियों को खाना खिलाने में जुटी थी उधर रमा अंधविश्वास में गुम होकर मंदिर के दरवाजे पर भिखारियों को खाना खिलाने में ...
निधि की सास कैसे गोद भर सकतीं है? ये काम तो सिर्फ सुहागन ही करती है निधि की सास कैसे गोद भर सकतीं है? ये काम तो सिर्फ सुहागन ही करती है
हद हो गई... दादाजी का इतना सारा सामान है और तू सुराही को पकड़कर बैठ गई हद हो गई... दादाजी का इतना सारा सामान है और तू सुराही को पकड़कर बैठ गई
उस दिन देवी कर्ण पिशाचीनी प्रकट होकर भी चली गईं उस दिन देवी कर्ण पिशाचीनी प्रकट होकर भी चली गईं